विधायक खानपुर उमेश कुमार ने संत रविदास जयंती पर दलित समाज के साथ बैठकर किया भोजन

(दिलशाद खान)
हरिद्वार ज़िले व आस पास के क्षेत्रों में संत रविदास जी की जयंती बड़े ही धूम धाम के साथ मनाई गई इस अवसर पर यह जगह शोभायात्रा व जुलूस निकाले गये।

संत रविदास गुरु की जयंती के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं विधायक खानपुर उमेश कुमार के द्वारा ग्राम टोडा कल्याणपुर रुड़की के प्रीत विहार ,मंगलौर विधानसभा व नारसन कला झबरेड़ा के सरोली लाठर देवा हुन ,लाठर देवा शेख, भगवानपुर भगवानपुर विधानसभा के किशनपुर जमालपुर ज्वालापुर विधानसभा के गढ़ मीरपुर, इब्राहिमपुर अलीपुर ,हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा के घोसी पूरा, कटार पुर डोसनी, भगवानपुर चंदन पुर, भंगेडी, मोहनपुरा , भारा पुर भोरी ,आदि जगहों हो रही शोभायात्रा में भाग लिया ।यही नहीं उमेश कुमार के द्वारा शोभायात्रा के बाद भंडारे में बनने वाले भोजन भी ग्रहण किया गया ।

पीरान कलियर विधानसभा के सोहलपुर में पहुंचे उमेश कुमार भंडारे में दलित समाज के बीच नीचे बैठे हुए भोजन ग्रहण करते हुए भी नज़र आये। उमेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि संत रविदास जी ने हमेशा हर वर्ग के लिए अपने आप को समर्पित रखा । वह किसी एक समाज के नहीं थे वह हर समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे और उनकी प्रेरणा आज भी हमारे बीच हमारे आस पास रहती है । उनकी प्रेरणा हमेशा सबको साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है हमें संत रविदास के बताए मार्ग पर चलना चाहिए और उसका अनुसरण करना चाहिए । खानपुर विधायक उमेश कुमार ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा संत रविदास जयंती हर साल माघ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस साल रविदासजी की जयंती 5 फरवरी को मनाई गयीं। रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर स्थित गोवर्धनपुर गांव में 1376 ईस्वी हुआ था। पंजाब में उन्हें रविदास के नाम से जाना जाता है। जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में उन्हें रैदास के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था उस दिन माघ पूर्णिमा के साथ साथ रविवार का दिन था इसलिए उनका नाम रविदास रखा गया रविदास जी ने हमेशा ही भेदभाव को दूर कर सामाजिक एकता का प्रचार प्रसार किया संत रविदास जी अपनी कविताओं के जरिए भी यही संदेश दिया करते थे इसके अलावा मैं अपनी कविताओं में अवधी उर्दू फारसी राजस्थानी खड़ी बोली और रहता दी का भी प्रयोग किया करते थे उनके 40 पद पवित्र धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहब मैं भी सम्मिलित किए गए।