रामलीला देखकर श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें,सनातन संस्कृति का प्रतीक है रामलीलाएं – गौरव गोयल

(दिलशाद खान)

(न्यूज़ रुड़की)।रामलीला का मंचन हमारी सनातन संस्कृति का प्रतीक है।भगवान श्री राम का चरित्र हमें आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देता है,इसलिए भगवान श्री राम के चित्र के साथ-साथ उनके चरित्र को भी अपने जीवन में उतारना चाहिए।

उक्त् विचार नगर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने रामनगर में चल रही रामलीला में अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का चरित्र हमें एक आदर्श पुत्र,आदर्श पति,आदर्श भाई और आदर्श राजा बनने की प्रेरणा देता है,इसलिए हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को जीना चाहिए।भगवान श्री राम की लीलाओं से युवा पीढ़ी में संस्कार रोपित होते हैं।इन संस्कार व संस्कृति की वजह से ही भारत एक दिन विश्व विश्व गुरु बनेगा।रामलीला मंचन से पूर्व अतिथि द्वारा आरती एवं पूजा-अर्चना की गई एवं रामलीला में मंचन कर रहे कलाकारों का सम्मान किया गया।इस अवसर पर प्रधान जगदीश लाल मेहंदीरत्ता,सतीश कालरा,गुलशन अनेजा,किशन लाल माटा, हरीश अरोड़ा,रवि सिंघल,संजीव मेहंदीरत्ता,सचिन तनेजा, गौरव मेंहदीरत्ता,सुशांत बत्रा,ललित शर्मा,तुषार मनचंदा,वंश चांदना,साहिल अरोरा,नितेश ग्रोवर,रॉबिन पचनंदा,पारस लखानी, सत्यम पाहुजा,अर्पित दर्गन,लवी अरोड़ा,अविनाश त्यागी,निखिल सेठी,सार्थक गोयल,तुषार गोयल एवं इमरान देशभक्त आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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