बी.एस.एम (पी.जी) कॉलेज रुड़की के महाविद्यालय में आपदा प्रबंधन समिति के द्वारा एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

(KNEWS18)

(न्यूज़ रुड़की) । बी.एस.एम (पी.जी) कॉलेज रुड़की के महाविद्यालय में आपदा प्रबंधन समिति के द्वारा “आपदा प्रबंधन व आपदा के उपाय” विषय पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर विशाल सालार,(बी.ए. तृतीय वर्ष) द्वितीय स्थान पर नीतिका (बी.ए. प्रथम वर्ष) और तृतीय स्थान पर नैना रानी (बी. ए. प्रथम वर्ष) रहे।

इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में प्राध्यापक गण डॉक्टर सुरेश कुमार महला,डॉक्टर इंदु अरोड़ा, डॉक्टर शिखा जैन रहे । सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर प्रोफेसर गौतम वीर जी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और कहा कि उत्तराखंड राज्य अनेकों आपदाओं के प्रति अत्यंत संवेदनशील है जिनमें भूकंप भूस्खलन ,वनाग्नि ,बाढ़ ,त्वरित बाढ़ अतिवृष्टि ,अनावृष्टि व बादल फटना प्रमुख है जिसके कारण उत्तराखंड राज्य में भारी तबाही हुई है।इस प्राकृतिक आपदा में बहुत से लोगों की मौत हो चुकी है ।अतः प्राकृतिक आपदाओं से मनुष्य अपनी सावधानी से काफी हद तक बच सकता है। प्राकृतिक संसाधनों का दोहन एक निश्चित सीमा तक ही किया जाना चाहिए ।उत्तराखंड को देवों की भूमि की संज्ञा मिली हुई है। हमें धरती मां का सम्मान करना चाहिए।महाविद्यालय के निदेशक श्री रजनीश शर्मा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आपदा प्रायः एक अनपेक्षित घटना होती है जो ऐसी ताकतों द्वारा घटित होती है जो मानव के नियंत्रण में नहीं है यह थोड़े समय में बिना चेतावनी के घटित होती है जिसकी वजह से मानव जीवन के क्रियाकलाप अवरुद्ध होते हैं तथा बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान होता है अतः हमें आपदा घटना से पहले जोखिम को कम करने के तरीके तलाशने चाहिए।

आपदा प्रबंधन समिति की प्रभारी डॉक्टर अलका तोमर ने छात्र-छात्राओं को इस विषय पर जागरूक किया और कहा कि उत्तराखंड जो की सुंदर वादियों का प्रदेश है और देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहां की प्रकृति का सौम्य, मृदु एवं कल्याणकारी रूप है मगर प्रकृति के संतुलन को बिगड़ते मानवीय क्रियाकलापों से यहां प्रकृति का रौद्र रूप भी यदा-कदा देखने को मिलता है जिससे जन-धन को अपूरणीय क्षति होती है।
आपदा प्रबंधन समिति की सदस्य डॉक्टर अर्चना त्यागी ने भी अपने विचार छात्र-छात्राओं के सामने रखें और बताया कि आपदा संभावित क्षेत्रों में लोगों को इन आपदाओं के समय किए जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी एवं प्रशिक्षण का प्रबंध भी किया जाना चाहिए ।
इस अवसर पर डॉ सुनीता कुमारी, डॉक्टर रीमा सिन्हा, डॉक्टर सुरजीत सिंह, डॉक्टर अजय राजवंशी, डॉक्टर शास्त्री, डॉक्टर अफ़ज़ल मंगलौरी,श्री अमित कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे ।
इस प्रतियोगिता में हिमानी,अंकुश,सोनम धीमान,साक्षी,सहबा,पायल, शादाब,आदित्य ने प्रतिभाग लिया।

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